शनिवार, 3 अक्तूबर 2015

इतिहास में आज: 3 अक्टूबर

इतिहास में इससे पहले ऐसा कभी नहीं देखा गया था कि विभाजित हुआ कोई देश जनांदोलन के कंधे पर दोबारा एक हो जाए.
यह तस्वीर 2 अक्टूबर 1990 की रात की है. बर्लिन के ब्रांडनबुर्गर गेट के सामने लाखों की तादाद में लोग जमा हुए. अक्सर ऐसा दृश्य नए साल के स्वागत में देखा जाता है, लेकिन यहां स्वागत हो रहा था एक नए जर्मनी का. 3 अक्टूबर की सुबह एकीकृत जर्मनी को साथ लाई थी. 45 साल बाद पूर्व और पश्चिम जर्मनी का अंतर खत्म हो रहा था.
आज जर्मनी एकीकरण की 23वीं वर्षगांठ मना रहा है. नवंबर 1989 में ही बर्लिन की दीवार गिरा दी गयी थी. फिर 18 मई 1990 को पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के बीच आर्थिक और सामाजिक समझौते के साथ एकीकरण की बुनियाद रखी गई. पूर्वी जर्मनी (जीडीआर) को इस से कई बदलावों का सामना करना पड़ना. पुरानी मुद्रा मार्क की जगह डॉयचे मार्क ने ले ली.
ढह गई जुदा करने वाली दीवार
बॉर्डर खुलने के 48 घंटे के अंदर ही इस जगह को लेकर लोगों का खौफ खत्म हो चुका था. बर्लिन वाले इस दीवार के सामने और ऊपर चढ़ कर नाचे जिसने इतने सालों तक शहर को बांट कर रखा. पूर्व और पश्चिम जर्मनी एक हो चुके थे.
एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण था 23 अगस्त 1990 जब जर्मन डेमोक्रेटिक रिपब्लिक (जीडीआर) की संसद का पश्चिम जर्मनी के संविधान के प्रभाव वाले क्षेत्र में शामिल होने का फैसला हुआ. उसके बाद 3 अक्टूबर 1990 को जर्मनी का औपचारिक एकीकरण तेज बदलाव की प्रक्रिया का भावनात्मक उत्कर्ष था.
चार दशक से ज्यादा के विभाजन के बाद किसी देश को फिर से एक करना अभूतपूर्व उपलब्धि थी और आज भी है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पूर्वी जर्मनी के लोगों ने खुद सरकारी दमन का विरोध किया और आजादी और एकता के पक्ष में फैसला लिया.



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